Surah An-Noor Verse 2 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah An-Noorٱلزَّانِيَةُ وَٱلزَّانِي فَٱجۡلِدُواْ كُلَّ وَٰحِدٖ مِّنۡهُمَا مِاْئَةَ جَلۡدَةٖۖ وَلَا تَأۡخُذۡكُم بِهِمَا رَأۡفَةٞ فِي دِينِ ٱللَّهِ إِن كُنتُمۡ تُؤۡمِنُونَ بِٱللَّهِ وَٱلۡيَوۡمِ ٱلۡأٓخِرِۖ وَلۡيَشۡهَدۡ عَذَابَهُمَا طَآئِفَةٞ مِّنَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ
व्यभिचारिणी तथा[1] व्यभिचारी, दोनों में से प्रत्येक को सौ कोड़े मारो और तुम्हें उन दोनों पर कोई तरस न आये अल्लाह के धर्म के विषय[2] में, यदि तुम अल्लाह तथा अन्तिम दिन पर ईमान (विश्वास) रखते हो और चाहिए कि उनके दण्ड के समय उपस्थित रहे ईमान वालों का एक[3] गिरोह।