Surah An-Noor Verse 54 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah An-Noorقُلۡ أَطِيعُواْ ٱللَّهَ وَأَطِيعُواْ ٱلرَّسُولَۖ فَإِن تَوَلَّوۡاْ فَإِنَّمَا عَلَيۡهِ مَا حُمِّلَ وَعَلَيۡكُم مَّا حُمِّلۡتُمۡۖ وَإِن تُطِيعُوهُ تَهۡتَدُواْۚ وَمَا عَلَى ٱلرَّسُولِ إِلَّا ٱلۡبَلَٰغُ ٱلۡمُبِينُ
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि ख़ुदा की इताअत करो और रसूल की इताअत करो इस पर भी अगर तुम सरताबी करोगे तो बस रसूल पर इतना ही (तबलीग़) वाजिब है जिसके वह ज़िम्मेदार किए गए हैं और जिसके ज़िम्मेदार तुम बनाए गए हो तुम पर वाजिब है और अगर तुम उसकी इताअत करोगे तो हिदायत पाओगे और रसूल पर तो सिर्फ साफ तौर पर (एहकाम का) पहुँचाना फर्ज है