قُلۡ مَا يَعۡبَؤُاْ بِكُمۡ رَبِّي لَوۡلَا دُعَآؤُكُمۡۖ فَقَدۡ كَذَّبۡتُمۡ فَسَوۡفَ يَكُونُ لِزَامَۢا
(हे नबी!) आप कह दें कि यदि तुम्हारा, उसे पुकारना न[1] हो, तो मेरा पालनहार तुम्हारी क्या परवाह करेगा? तुमने तो झुठला दिया है, तो शीघ्र ही (उसका दण्ड) चिपक जाने वाला होगा।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari