قَالَتۡ يَـٰٓأَيُّهَا ٱلۡمَلَؤُاْ إِنِّيٓ أُلۡقِيَ إِلَيَّ كِتَٰبٞ كَرِيمٌ
(ग़रज़) हुद हुद ने मलका के पास ख़त पहुँचा दिया तो मलका बोली ऐ (मेरे दरबार के) सरदारों ये एक वाजिबुल एहतराम ख़त मेरे पास डाल दिया गया है
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi