وَإِنِّي مُرۡسِلَةٌ إِلَيۡهِم بِهَدِيَّةٖ فَنَاظِرَةُۢ بِمَ يَرۡجِعُ ٱلۡمُرۡسَلُونَ
और मैं उनके पास (एलचियों की माअरफ़त कुछ तोहफा भेजकर देखती हूँ कि एलची लोग क्या जवाब लाते हैं) ग़रज़ जब बिलक़ीस का एलची (तोहफा लेकर) सुलेमान के पास आया
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi