قَالَ نَكِّرُواْ لَهَا عَرۡشَهَا نَنظُرۡ أَتَهۡتَدِيٓ أَمۡ تَكُونُ مِنَ ٱلَّذِينَ لَا يَهۡتَدُونَ
कहाः परिवर्तन कर दो उसके लिए उसके सिंहासन में, हम देखेंगे कि वह उसे पहचान जाती है या उनमें से हो जाती है, जो पहचानते न हों।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari