قَالُواْ ٱطَّيَّرۡنَا بِكَ وَبِمَن مَّعَكَۚ قَالَ طَـٰٓئِرُكُمۡ عِندَ ٱللَّهِۖ بَلۡ أَنتُمۡ قَوۡمٞ تُفۡتَنُونَ
उन्होंने कहाः हमने अपशकुन लिया है तुमसे तथा उनसे, जो तेरे साथ हैं। (सालेह़ ने) कहाः तुम्हारा अपशकुन अल्लाह के पास[1] है, बल्कि तुम लोगों की परीक्षा हो रही है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari