Surah Al-Qasas Verse 57 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Qasasوَقَالُوٓاْ إِن نَّتَّبِعِ ٱلۡهُدَىٰ مَعَكَ نُتَخَطَّفۡ مِنۡ أَرۡضِنَآۚ أَوَلَمۡ نُمَكِّن لَّهُمۡ حَرَمًا ءَامِنٗا يُجۡبَىٰٓ إِلَيۡهِ ثَمَرَٰتُ كُلِّ شَيۡءٖ رِّزۡقٗا مِّن لَّدُنَّا وَلَٰكِنَّ أَكۡثَرَهُمۡ لَا يَعۡلَمُونَ
(ऐ रसूल) कुफ्फ़ार (मक्का) तुमसे कहते हैं कि अगर हम तुम्हारे साथ दीन हक़ की पैरवी करें तो हम अपने मुल्क़ से उचक लिए जाएँ (ये क्या बकते है) क्या हमने उन्हें हरम (मक्का) में जहाँ हर तरह का अमन है जगह नहीं दी वहाँ हर किस्म के फल रोज़ी के वास्ते हमारी बारगाह से खिंचे चले जाते हैं मगर बहुतेरे लोग नहीं जाते