Surah Al-Ankaboot Verse 17 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Ankabootإِنَّمَا تَعۡبُدُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ أَوۡثَٰنٗا وَتَخۡلُقُونَ إِفۡكًاۚ إِنَّ ٱلَّذِينَ تَعۡبُدُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ لَا يَمۡلِكُونَ لَكُمۡ رِزۡقٗا فَٱبۡتَغُواْ عِندَ ٱللَّهِ ٱلرِّزۡقَ وَٱعۡبُدُوهُ وَٱشۡكُرُواْ لَهُۥٓۖ إِلَيۡهِ تُرۡجَعُونَ
तुम तो अल्लाह के सिवा बस उनकी वंदना कर रहे हो, जो मूर्तियाँ हैं तथा तुम झूठ घड़ रहे हो, वास्तव में, जिन्हें तुम पूज रहे हो अल्लाह के सिवा, वे नहीं अधिकार रखते हैं तुम्हारे लिए जीविका देने का। अतः, खोज करो अल्लाह के पास जीविका की तथा इबादत (वंदना) करो उसकी और कृतज्ञ बनो उसके, उसी की ओर तुम फेरे जाओगे।