Surah Al-Ankaboot Verse 45 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Al-Ankabootٱتۡلُ مَآ أُوحِيَ إِلَيۡكَ مِنَ ٱلۡكِتَٰبِ وَأَقِمِ ٱلصَّلَوٰةَۖ إِنَّ ٱلصَّلَوٰةَ تَنۡهَىٰ عَنِ ٱلۡفَحۡشَآءِ وَٱلۡمُنكَرِۗ وَلَذِكۡرُ ٱللَّهِ أَكۡبَرُۗ وَٱللَّهُ يَعۡلَمُ مَا تَصۡنَعُونَ
उस किताब को पढ़ो जो तुम्हारी ओर प्रकाशना के द्वारा भेजी गई है, और नमाज़ का आयोजन करो। निस्संदेह नमाज़ अश्लीलता और बुराई से रोकती है। और अल्लाह का याद करना तो बहुत बड़ी चीज़ है। अल्लाह जानता है जो कुछ तुम रचते और बनाते हो