بَلۡ هُوَ ءَايَٰتُۢ بَيِّنَٰتٞ فِي صُدُورِ ٱلَّذِينَ أُوتُواْ ٱلۡعِلۡمَۚ وَمَا يَجۡحَدُ بِـَٔايَٰتِنَآ إِلَّا ٱلظَّـٰلِمُونَ
नहीं, बल्कि वे तो उन लोगों के सीनों में विद्यमान खुली निशानियाँ है, जिन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ है। हमारी आयतों का इनकार तो केवल ज़ालिम ही करते है
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed