Surah Ar-Room Verse 48 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Ar-Roomٱللَّهُ ٱلَّذِي يُرۡسِلُ ٱلرِّيَٰحَ فَتُثِيرُ سَحَابٗا فَيَبۡسُطُهُۥ فِي ٱلسَّمَآءِ كَيۡفَ يَشَآءُ وَيَجۡعَلُهُۥ كِسَفٗا فَتَرَى ٱلۡوَدۡقَ يَخۡرُجُ مِنۡ خِلَٰلِهِۦۖ فَإِذَآ أَصَابَ بِهِۦ مَن يَشَآءُ مِنۡ عِبَادِهِۦٓ إِذَا هُمۡ يَسۡتَبۡشِرُونَ
ख़ुदा ही (क़ादिर तवाना) है जो हवाओं को भेजता है तो वह बादलों को उड़ाए उड़ाए फिरती हैं फिर वही ख़ुदा बादल को जिस तरह चाहता है आसमान में फैला देता है और (कभी) उसको टुकड़े (टुकड़े) कर देता है फिर तुम देखते हो कि बूँदियां उसके दरमियान से निकल पड़ती हैं फिर जब ख़ुदा उन्हें अपने बन्दों में से जिस पर चहता है बरसा देता है तो वह लोग खुशियाँ माानने लगते हैं