Surah Luqman Verse 29 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Luqmanأَلَمۡ تَرَ أَنَّ ٱللَّهَ يُولِجُ ٱلَّيۡلَ فِي ٱلنَّهَارِ وَيُولِجُ ٱلنَّهَارَ فِي ٱلَّيۡلِ وَسَخَّرَ ٱلشَّمۡسَ وَٱلۡقَمَرَۖ كُلّٞ يَجۡرِيٓ إِلَىٰٓ أَجَلٖ مُّسَمّٗى وَأَنَّ ٱللَّهَ بِمَا تَعۡمَلُونَ خَبِيرٞ
क्या तुमने नहीं देखा कि अल्लाह मिला[1] देता है, रात्रि को दिनमें और मिला देता है दिन को[2] रात्रि में तथा वश में कर रखा है सूर्य तथा चाँद को, प्रत्येक चल रहा है एक निर्धारित समय तक और अल्लाह उससे, जो तुम कर रहे हो भली-भाँति अवगत है।