Surah Luqman Verse 32 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Luqmanوَإِذَا غَشِيَهُم مَّوۡجٞ كَٱلظُّلَلِ دَعَوُاْ ٱللَّهَ مُخۡلِصِينَ لَهُ ٱلدِّينَ فَلَمَّا نَجَّىٰهُمۡ إِلَى ٱلۡبَرِّ فَمِنۡهُم مُّقۡتَصِدٞۚ وَمَا يَجۡحَدُ بِـَٔايَٰتِنَآ إِلَّا كُلُّ خَتَّارٖ كَفُورٖ
और जब उन्हें मौज (ऊँची होकर) साएबानों की तरह (ऊपर से) ढॉक लेती है तो निरा खुरा उसी का अक़ीदा रखकर ख़ुदा को पुकारने लगते हैं फिर जब ख़ुदा उनको नजात देकर खुश्की तक पहुँचा देता है तो उनमें से बाज़ तो कुछ देर एतदाल पर रहते हैं (और बाज़ पक्के काफिर) और हमारी (क़ुदरत की) निशानियों से इन्कार तो बस बदएहद और नाशुक्रे ही लोग करते हैं