Surah Al-Ahzab Verse 33 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Ahzabوَقَرۡنَ فِي بُيُوتِكُنَّ وَلَا تَبَرَّجۡنَ تَبَرُّجَ ٱلۡجَٰهِلِيَّةِ ٱلۡأُولَىٰۖ وَأَقِمۡنَ ٱلصَّلَوٰةَ وَءَاتِينَ ٱلزَّكَوٰةَ وَأَطِعۡنَ ٱللَّهَ وَرَسُولَهُۥٓۚ إِنَّمَا يُرِيدُ ٱللَّهُ لِيُذۡهِبَ عَنكُمُ ٱلرِّجۡسَ أَهۡلَ ٱلۡبَيۡتِ وَيُطَهِّرَكُمۡ تَطۡهِيرٗا
और रहो अपने घरों में और सौन्दर्य का प्रदर्शन न करो, प्रथम अज्ञान युग के प्रदर्शन के समान तथा नमाज़ की स्थापना करो, ज़कात दो तथा आज्ञा पालन करो अल्लाह और उसके रसूल की। अल्लाह चाहता है कि मलिनता को दूर कर दे तुमसे, हे नबी की घर वालियो! तथा तुम्हें पवित्र कर दे,, अति पवित्र।