Surah Al-Ahzab Verse 55 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Ahzabلَّا جُنَاحَ عَلَيۡهِنَّ فِيٓ ءَابَآئِهِنَّ وَلَآ أَبۡنَآئِهِنَّ وَلَآ إِخۡوَٰنِهِنَّ وَلَآ أَبۡنَآءِ إِخۡوَٰنِهِنَّ وَلَآ أَبۡنَآءِ أَخَوَٰتِهِنَّ وَلَا نِسَآئِهِنَّ وَلَا مَا مَلَكَتۡ أَيۡمَٰنُهُنَّۗ وَٱتَّقِينَ ٱللَّهَۚ إِنَّ ٱللَّهَ كَانَ عَلَىٰ كُلِّ شَيۡءٖ شَهِيدًا
औरतों पर न अपने बाप दादाओं (के सामने होने) में कुछ गुनाह है और न अपने बेटों के और न अपने भाईयों के और न अपने भतीजों के और अपने भांजों के और न अपनी (क़िस्म कि) औरतों के और न अपनी लौंडियों के सामने होने में कुछ गुनाह है (ऐ पैग़म्बर की बीबियों) तुम लोग खुदा से डरती रहो इसमें कोई शक ही नहीं की खुदा (तुम्हारे आमाल में) हर चीज़ से वाक़िफ़ है