Surah Saba Verse 12 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Sabaوَلِسُلَيۡمَٰنَ ٱلرِّيحَ غُدُوُّهَا شَهۡرٞ وَرَوَاحُهَا شَهۡرٞۖ وَأَسَلۡنَا لَهُۥ عَيۡنَ ٱلۡقِطۡرِۖ وَمِنَ ٱلۡجِنِّ مَن يَعۡمَلُ بَيۡنَ يَدَيۡهِ بِإِذۡنِ رَبِّهِۦۖ وَمَن يَزِغۡ مِنۡهُمۡ عَنۡ أَمۡرِنَا نُذِقۡهُ مِنۡ عَذَابِ ٱلسَّعِيرِ
तथा ( हमने वश में कर दिया) सुलैमान[1] के लिए वायु को। उसका प्रातः चलना एक महीने का तथा संध्या का चलना एक महीने का[2] होता था तथा हमने बहा दिये उसके लिए तांबे के स्रोत तथा कुछ जिन्न कार्यरत थे उसके समक्ष, उसके पालनहार की अनुमति से तथा उनमें से जो फिरेगा हमारे आदेश से, तो हम चखायेंगे[3] उसे भड़कती अग्नि की यातना।