وَحِيلَ بَيۡنَهُمۡ وَبَيۡنَ مَا يَشۡتَهُونَ كَمَا فُعِلَ بِأَشۡيَاعِهِم مِّن قَبۡلُۚ إِنَّهُمۡ كَانُواْ فِي شَكّٖ مُّرِيبِۭ
उनके और उनकी चाहतों के बीच रोक लगा दी जाएगी; जिस प्रकार इससे पहले उनके सहमार्गी लोगों के साथ मामला किया गया। निश्चय ही वे डाँवाडोल कर देनेवाले संदेह में पड़े रहे हैं
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed