Surah Az-Zumar Verse 38 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Az-Zumarوَلَئِن سَأَلۡتَهُم مَّنۡ خَلَقَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضَ لَيَقُولُنَّ ٱللَّهُۚ قُلۡ أَفَرَءَيۡتُم مَّا تَدۡعُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ إِنۡ أَرَادَنِيَ ٱللَّهُ بِضُرٍّ هَلۡ هُنَّ كَٰشِفَٰتُ ضُرِّهِۦٓ أَوۡ أَرَادَنِي بِرَحۡمَةٍ هَلۡ هُنَّ مُمۡسِكَٰتُ رَحۡمَتِهِۦۚ قُلۡ حَسۡبِيَ ٱللَّهُۖ عَلَيۡهِ يَتَوَكَّلُ ٱلۡمُتَوَكِّلُونَ
और यदि आप, उनसे प्रश्न करें कि किसने पैदा किया है आकाशों तथा धरती को? तो वे अवश्य कहेंगे कि अल्लाह ने। आप कहिये कि तुम बताओ, जिसे तुम अल्लाह के सिवा पुकारते हो, यदि अल्लाह मुझे कोई हानि पहुँचाना चाहे, तो क्या ये उसकी हानि दूर कर सकता हैं? अथवा मेरे साथ दया करना चाहे, तो क्या ये रोक सकते हैं उसकी दया को? आप कह दें कि मुझे पर्याप्त है अल्लाह और उसीपर भरोसा करते हैं, भरोसा करने वाले।