Surah Az-Zumar Verse 71 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Az-Zumarوَسِيقَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوٓاْ إِلَىٰ جَهَنَّمَ زُمَرًاۖ حَتَّىٰٓ إِذَا جَآءُوهَا فُتِحَتۡ أَبۡوَٰبُهَا وَقَالَ لَهُمۡ خَزَنَتُهَآ أَلَمۡ يَأۡتِكُمۡ رُسُلٞ مِّنكُمۡ يَتۡلُونَ عَلَيۡكُمۡ ءَايَٰتِ رَبِّكُمۡ وَيُنذِرُونَكُمۡ لِقَآءَ يَوۡمِكُمۡ هَٰذَاۚ قَالُواْ بَلَىٰ وَلَٰكِنۡ حَقَّتۡ كَلِمَةُ ٱلۡعَذَابِ عَلَى ٱلۡكَٰفِرِينَ
तथा हाँके जायेंगे, जो काफ़िर हो गये नरक की ओर, झुण्ड बनाकर। यहाँतक कि जब वे उसके पास आयेंगे, तो खोल दिये जायेंगे उसके द्वार तथा उनसे कहेंगे उसके रक्षक (फ़रिश्तेः) क्या नहीं आये तुम्हारे पास रसूल तुममें से, जो तुम्हें सुनाते, तुम्हारे पालनहार की आयतें तथा सचेत करते तुम्हें, इस दिन का सामना करने से? वे कहेंगेः क्यों नहीं? परन्तु, सिध्द हो गया यातना का शब्द, काफ़िरों पर।