जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज सब कुछ) ख़ास ख़ुदा ही का है और ख़ुदा तो कारसाज़ी के लिये काफ़ी है
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi