۞لَّا يُحِبُّ ٱللَّهُ ٱلۡجَهۡرَ بِٱلسُّوٓءِ مِنَ ٱلۡقَوۡلِ إِلَّا مَن ظُلِمَۚ وَكَانَ ٱللَّهُ سَمِيعًا عَلِيمًا
अल्लाह को अपशब्द (बुरी बात) की चर्चा नहीं भाती, परन्तु जिसपर अत्याचार किया गया[1] हो और अल्लाह सब सुनता और जानता है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari