Surah An-Nisa Verse 15 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah An-Nisaوَٱلَّـٰتِي يَأۡتِينَ ٱلۡفَٰحِشَةَ مِن نِّسَآئِكُمۡ فَٱسۡتَشۡهِدُواْ عَلَيۡهِنَّ أَرۡبَعَةٗ مِّنكُمۡۖ فَإِن شَهِدُواْ فَأَمۡسِكُوهُنَّ فِي ٱلۡبُيُوتِ حَتَّىٰ يَتَوَفَّىٰهُنَّ ٱلۡمَوۡتُ أَوۡ يَجۡعَلَ ٱللَّهُ لَهُنَّ سَبِيلٗا
और वह उसमें हमेशा अपना किया भुगतता रहेगा और उसके लिए बड़ी रूसवाई का अज़ाब है और तुम्हारी औरतों में से जो औरतें बदकारी करें तो उनकी बदकारी पर अपने लोगों में से चार गवाही लो और फिर अगर चारों गवाह उसकी तसदीक़ करें तो (उसकी सज़ा ये है कि) उनको घरों में बन्द रखो यहॉ तक कि मौत आ जाए या ख़ुदा उनकी कोई (दूसरी) राह निकाले