Surah Ghafir Verse 35 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Ghafirٱلَّذِينَ يُجَٰدِلُونَ فِيٓ ءَايَٰتِ ٱللَّهِ بِغَيۡرِ سُلۡطَٰنٍ أَتَىٰهُمۡۖ كَبُرَ مَقۡتًا عِندَ ٱللَّهِ وَعِندَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْۚ كَذَٰلِكَ يَطۡبَعُ ٱللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ قَلۡبِ مُتَكَبِّرٖ جَبَّارٖ
जो झगड़ते हैं अल्लाह की आयतों में, बिना किसी ऐसे प्रमाण के, जो उनके पास आया हो। तो ये बड़े क्रोध की बात है अल्लाह के समीप तथा उनके समीप, जो ईमान लाये हैं। इसी प्रकार, अल्लाह मुहर लगा देता है प्रत्येक अहंकारी अत्याचारी के दिल पर।