يَوۡمَ لَا يَنفَعُ ٱلظَّـٰلِمِينَ مَعۡذِرَتُهُمۡۖ وَلَهُمُ ٱللَّعۡنَةُ وَلَهُمۡ سُوٓءُ ٱلدَّارِ
जिस दिन ज़ालिमों को उनका उज्र (सफ़ाई पेश करना) कुछ भी लाभ न पहुँचाएगा, बल्कि उनके लिए तो लानत है और उनके लिए बुरा घर है
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed