وَمَا يَسۡتَوِي ٱلۡأَعۡمَىٰ وَٱلۡبَصِيرُ وَٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ وَلَا ٱلۡمُسِيٓءُۚ قَلِيلٗا مَّا تَتَذَكَّرُونَ
तथा समान नहीं होता अंधा तथा आँख वाला और न जो ईमान लाये और सत्कर्म किये हैं और दुष्कर्मी। तुम (बहुत) कम ही शिक्षा ग्रहण करते हो।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari