Surah Ghafir Verse 7 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Ghafirٱلَّذِينَ يَحۡمِلُونَ ٱلۡعَرۡشَ وَمَنۡ حَوۡلَهُۥ يُسَبِّحُونَ بِحَمۡدِ رَبِّهِمۡ وَيُؤۡمِنُونَ بِهِۦ وَيَسۡتَغۡفِرُونَ لِلَّذِينَ ءَامَنُواْۖ رَبَّنَا وَسِعۡتَ كُلَّ شَيۡءٖ رَّحۡمَةٗ وَعِلۡمٗا فَٱغۡفِرۡ لِلَّذِينَ تَابُواْ وَٱتَّبَعُواْ سَبِيلَكَ وَقِهِمۡ عَذَابَ ٱلۡجَحِيمِ
जो (फ़रिश्ते) अर्श को उठाए हुए हैं और जो उस के गिर्दा गिर्द (तैनात) हैं (सब) अपने परवरदिगार की तारीफ़ के साथ तसबीह करते हैं और उस पर ईमान रखते हैं और मोमिनों के लिए बख़शिश की दुआएं माँगा करते हैं कि परवरदिगार तेरी रहमत और तेरा इल्म हर चीज़ पर अहाता किए हुए हैं, तो जिन लोगों ने (सच्चे) दिल से तौबा कर ली और तेरे रास्ते पर चले उनको बख्श दे और उनको जहन्नुम के अज़ाब से बचा ले