وَقِهِمُ ٱلسَّيِّـَٔاتِۚ وَمَن تَقِ ٱلسَّيِّـَٔاتِ يَوۡمَئِذٖ فَقَدۡ رَحِمۡتَهُۥۚ وَذَٰلِكَ هُوَ ٱلۡفَوۡزُ ٱلۡعَظِيمُ
तथा उन्हें सुरक्षित रख दुष्कर्मों से तथा तूने जिसे बचा लिया दुष्कर्मों से उस दिन, तो दया कर दी उसपर और यही बड़ी सफलता है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari