حَتَّىٰٓ إِذَا مَا جَآءُوهَا شَهِدَ عَلَيۡهِمۡ سَمۡعُهُمۡ وَأَبۡصَٰرُهُمۡ وَجُلُودُهُم بِمَا كَانُواْ يَعۡمَلُونَ
यहाँतक कि जब आ जायेंगे उस (नरक) के पास, तो साक्ष्य देंगे उनपर उनके कान तथा उनकी आँखें और उनकी खालें उस कर्म का, जो वे किया करते थे।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari