إِن يَشَأۡ يُسۡكِنِ ٱلرِّيحَ فَيَظۡلَلۡنَ رَوَاكِدَ عَلَىٰ ظَهۡرِهِۦٓۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَٰتٖ لِّكُلِّ صَبَّارٖ شَكُورٍ
यदि वह चाहे तो वायु को ठहरा दे, तो वे समुद्र की पीठ पर ठहरे रह जाएँ - निश्चय ही इसमें कितनी ही निशानियाँ है हर उस व्यक्ति के लिए जो अत्यन्त धैर्यवान, कृतज्ञ हो
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed