Surah Ash-Shura Verse 5 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Ash-Shuraتَكَادُ ٱلسَّمَٰوَٰتُ يَتَفَطَّرۡنَ مِن فَوۡقِهِنَّۚ وَٱلۡمَلَـٰٓئِكَةُ يُسَبِّحُونَ بِحَمۡدِ رَبِّهِمۡ وَيَسۡتَغۡفِرُونَ لِمَن فِي ٱلۡأَرۡضِۗ أَلَآ إِنَّ ٱللَّهَ هُوَ ٱلۡغَفُورُ ٱلرَّحِيمُ
लगता है कि आकाश स्वयं अपने ऊपर से फट पड़े। हाल यह है कि फ़रिश्ते अपने रब का गुणगान कर रहे, और उन लोगों के लिए जो धरती में है, क्षमा की प्रार्थना करते रहते है। सुन लो! निश्चय ही अल्लाह ही क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है