وَلَقَدۡ أَهۡلَكۡنَا مَا حَوۡلَكُم مِّنَ ٱلۡقُرَىٰ وَصَرَّفۡنَا ٱلۡأٓيَٰتِ لَعَلَّهُمۡ يَرۡجِعُونَ
तथा हम ध्वस्त कर चुके हैं तुम्हारे आस-पास की बस्तियों को तथा हमने उन्हें अनेक प्रकार से आयतें सुना दीं, ताकि वे वापस आ जायें।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari