Surah Al-Maeda Verse 100 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Maedaقُل لَّا يَسۡتَوِي ٱلۡخَبِيثُ وَٱلطَّيِّبُ وَلَوۡ أَعۡجَبَكَ كَثۡرَةُ ٱلۡخَبِيثِۚ فَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ يَـٰٓأُوْلِي ٱلۡأَلۡبَٰبِ لَعَلَّكُمۡ تُفۡلِحُونَ
(ऐ रसूल) कह दो कि नापाक (हराम) और पाक (हलाल) बराबर नहीं हो सकता अगरचे नापाक की कसरत तुम्हें भला क्यों न मालूम हो तो ऐसे अक्लमन्दों अल्लाह से डरते रहो ताकि तुम कामयाब रहो