Surah Al-Maeda Verse 14 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Maedaوَمِنَ ٱلَّذِينَ قَالُوٓاْ إِنَّا نَصَٰرَىٰٓ أَخَذۡنَا مِيثَٰقَهُمۡ فَنَسُواْ حَظّٗا مِّمَّا ذُكِّرُواْ بِهِۦ فَأَغۡرَيۡنَا بَيۡنَهُمُ ٱلۡعَدَاوَةَ وَٱلۡبَغۡضَآءَ إِلَىٰ يَوۡمِ ٱلۡقِيَٰمَةِۚ وَسَوۡفَ يُنَبِّئُهُمُ ٱللَّهُ بِمَا كَانُواْ يَصۡنَعُونَ
और जो लोग कहते हैं कि हम नसरानी हैं उनसे (भी) हमने ईमान का एहद (व पैमान) लिया था मगर जब जिन जिन बातों की उन्हें नसीहत की गयी थी उनमें से एक बड़ा हिस्सा (रिसालत) भुला बैठे तो हमने भी (उसकी सज़ा में) क़यामत तक उनमें बाहम अदावत व दुशमनी की बुनियाद डाल दी और ख़ुदा उन्हें बहुत जल्द (क़यामत के दिन) बता देगा कि वह क्या क्या करते थे