قَالَ فَإِنَّهَا مُحَرَّمَةٌ عَلَيۡهِمۡۛ أَرۡبَعِينَ سَنَةٗۛ يَتِيهُونَ فِي ٱلۡأَرۡضِۚ فَلَا تَأۡسَ عَلَى ٱلۡقَوۡمِ ٱلۡفَٰسِقِينَ
अल्लाह ने कहाः वह (धरती) उनपर चालीस वर्ष के लिए ह़राम (वर्जित) कर दी गई। वे धरती में फिरते रहेंगे, अतः तुम अवज्ञाकारी जाति पर तरस न खाओ[1]।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari