Surah Al-Maeda Verse 36 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Maedaإِنَّ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ لَوۡ أَنَّ لَهُم مَّا فِي ٱلۡأَرۡضِ جَمِيعٗا وَمِثۡلَهُۥ مَعَهُۥ لِيَفۡتَدُواْ بِهِۦ مِنۡ عَذَابِ يَوۡمِ ٱلۡقِيَٰمَةِ مَا تُقُبِّلَ مِنۡهُمۡۖ وَلَهُمۡ عَذَابٌ أَلِيمٞ
जो लोग काफ़िर हैं, यद्यपि धरती के सभी (धन-धान्य) उनके अधिकार (स्वामित्व) में आ जायें और उसी के समान और भी हो, ताकि वे, ये सब प्रलय के दिन की यातना से अर्थ दण्ड स्वरूप देकर मुक्त हो जायें, तो भी उनसे स्वीकार नहीं किया जायेगा और उन्हें दुखदायी यातना होगी।