Surah Al-Maeda Verse 54 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Maedaيَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ مَن يَرۡتَدَّ مِنكُمۡ عَن دِينِهِۦ فَسَوۡفَ يَأۡتِي ٱللَّهُ بِقَوۡمٖ يُحِبُّهُمۡ وَيُحِبُّونَهُۥٓ أَذِلَّةٍ عَلَى ٱلۡمُؤۡمِنِينَ أَعِزَّةٍ عَلَى ٱلۡكَٰفِرِينَ يُجَٰهِدُونَ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ وَلَا يَخَافُونَ لَوۡمَةَ لَآئِمٖۚ ذَٰلِكَ فَضۡلُ ٱللَّهِ يُؤۡتِيهِ مَن يَشَآءُۚ وَٱللَّهُ وَٰسِعٌ عَلِيمٌ
हे ईमान वालो! तुममें से जो अपने धर्म से फिर जायेगा, तो अल्लाह (उसके स्थान पर) ऐसे लोगों को पैदा कर देगा, जिनसे वह प्रेम करेगा और वे उससे प्रेम करेंगे। वे ईमान वालों के लिए कोमल तथा काफ़िरों के लिए कड़े[1] होंगे, अल्लाह की राह में जिहाद करेंगे, किसी निंदा करने वाले की निंदा से नहीं डरेंगे। ये अल्लाह की दया है, जिसे चाहे प्रदान करता है और अल्लाह (की दया) विशाल है और वह अति ज्ञानी है।