وَتَرَىٰ كَثِيرٗا مِّنۡهُمۡ يُسَٰرِعُونَ فِي ٱلۡإِثۡمِ وَٱلۡعُدۡوَٰنِ وَأَكۡلِهِمُ ٱلسُّحۡتَۚ لَبِئۡسَ مَا كَانُواْ يَعۡمَلُونَ
(ऐ रसूल) तुम उनमें से बहुतेरों को देखोगे कि गुनाह और सरकशी और हरामख़ोरी की तरफ़ दौड़ पड़ते हैं जो काम ये लोग करते थे वह यक़ीनन बहुत बुरा है
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi