وَلَوۡ أَنَّ أَهۡلَ ٱلۡكِتَٰبِ ءَامَنُواْ وَٱتَّقَوۡاْ لَكَفَّرۡنَا عَنۡهُمۡ سَيِّـَٔاتِهِمۡ وَلَأَدۡخَلۡنَٰهُمۡ جَنَّـٰتِ ٱلنَّعِيمِ
और यदि अह्ले किताब ईमान लाते तथा अल्लाह से डरते, तो हम अवश्य उनके दोषों को क्षमा कर देते और उन्हें सुख के स्वर्गों में प्रवेश देते।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari