Surah Al-Maeda Verse 76 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Maedaقُلۡ أَتَعۡبُدُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ مَا لَا يَمۡلِكُ لَكُمۡ ضَرّٗا وَلَا نَفۡعٗاۚ وَٱللَّهُ هُوَ ٱلسَّمِيعُ ٱلۡعَلِيمُ
फिर देखो तो कि (उसपर भी उलटे) ये लोग कहॉ भटके जा रहे हैं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि क्या तुम ख़ुदा (जैसे क़ादिर व तवाना) को छोड़कर (ऐसी ज़लील) चीज़ की इबादत करते हो जिसको न तो नुक़सान ही इख्तेयार है और न नफ़े का और ख़ुदा तो (सबकी) सुनता (और सब कुछ) जानता है