وَمَا لَهُم بِهِۦ مِنۡ عِلۡمٍۖ إِن يَتَّبِعُونَ إِلَّا ٱلظَّنَّۖ وَإِنَّ ٱلظَّنَّ لَا يُغۡنِي مِنَ ٱلۡحَقِّ شَيۡـٔٗا
उन्हें इसका कोई ज्ञान नहीं। वे अनुसरण कर रहे हैं मात्र गुमान का और वस्तुतः गुमान नहीं लाभप्रद होता सत्य के सामने कुछ भी।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari