وَلَقَدۡ رَٰوَدُوهُ عَن ضَيۡفِهِۦ فَطَمَسۡنَآ أَعۡيُنَهُمۡ فَذُوقُواْ عَذَابِي وَنُذُرِ
उन्होंने उसे फुसलाकर उसके पास से उसके अतिथियों को बलाना चाहा। अन्ततः हमने उसकी आँखें मेट दीं, "लो, अब चखो मज़ा मेरी यातना और चेतावनियों का
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed