Surah Al-Anaam Verse 130 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Anaamيَٰمَعۡشَرَ ٱلۡجِنِّ وَٱلۡإِنسِ أَلَمۡ يَأۡتِكُمۡ رُسُلٞ مِّنكُمۡ يَقُصُّونَ عَلَيۡكُمۡ ءَايَٰتِي وَيُنذِرُونَكُمۡ لِقَآءَ يَوۡمِكُمۡ هَٰذَاۚ قَالُواْ شَهِدۡنَا عَلَىٰٓ أَنفُسِنَاۖ وَغَرَّتۡهُمُ ٱلۡحَيَوٰةُ ٱلدُّنۡيَا وَشَهِدُواْ عَلَىٰٓ أَنفُسِهِمۡ أَنَّهُمۡ كَانُواْ كَٰفِرِينَ
(तथा कहेगाः) हे जिन्नों तथा मनुष्यों के (मुश्रिक) समुदाय! क्या तुम्हारे पास तुम्हीं में से रसूल नहीं आये,[1] जो तुम्हें हमारी आयतें सुनाते और तुम्हें तुम्हारे इस दिन (के आने) से सावधान करते? वे कहेंगेः हम स्वयं अपने ही विरुध्द गवाह हैं। उन्हें सांसारिक जीवन ने धोखे में रखा था और अपने ही विरुध्द गवाह हो गये कि वास्तव में वही काफ़िर थे।