Surah Al-Anaam Verse 145 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Anaamقُل لَّآ أَجِدُ فِي مَآ أُوحِيَ إِلَيَّ مُحَرَّمًا عَلَىٰ طَاعِمٖ يَطۡعَمُهُۥٓ إِلَّآ أَن يَكُونَ مَيۡتَةً أَوۡ دَمٗا مَّسۡفُوحًا أَوۡ لَحۡمَ خِنزِيرٖ فَإِنَّهُۥ رِجۡسٌ أَوۡ فِسۡقًا أُهِلَّ لِغَيۡرِ ٱللَّهِ بِهِۦۚ فَمَنِ ٱضۡطُرَّ غَيۡرَ بَاغٖ وَلَا عَادٖ فَإِنَّ رَبَّكَ غَفُورٞ رَّحِيمٞ
(हे नबी!) आप कह दें कि उसमें, जो मेरी ओर वह़्यी (प्रकाशना) की गई है, इन[1] में से खाने वालों पर कोई चीज़ वर्जित नहीं है, सिवाय उसके, जो मरा हुआ हो[2], बहा हुआ रक्त हो या सुअर का मांस हो; क्योंकि वह अशुध्द है, अथवा अवैध हो, जिसे अल्लाह के सिवा दूसरे के नाम पर वध किया गया हो। परन्तु जो विवश हो जाये (तो वह खा सकता है) यदि वह द्रोही तथा सीमा लांघने वाला न हो। तो वास्तव में आप का पालनहार अति क्षमी दयावान्[3] है।