فَإِن كَذَّبُوكَ فَقُل رَّبُّكُمۡ ذُو رَحۡمَةٖ وَٰسِعَةٖ وَلَا يُرَدُّ بَأۡسُهُۥ عَنِ ٱلۡقَوۡمِ ٱلۡمُجۡرِمِينَ
(ऐ रसूल) पर अगर वह तुम्हें झुठलाएं तो तुम (जवाब) में कहो कि (अगरचे) तुम्हारा परवरदिगार बड़ी वसीह रहमत वाला है मगर उसका अज़ाब गुनाहगार लोगों से टलता भी नहीं
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi