Surah Al-Anaam Verse 25 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Anaamوَمِنۡهُم مَّن يَسۡتَمِعُ إِلَيۡكَۖ وَجَعَلۡنَا عَلَىٰ قُلُوبِهِمۡ أَكِنَّةً أَن يَفۡقَهُوهُ وَفِيٓ ءَاذَانِهِمۡ وَقۡرٗاۚ وَإِن يَرَوۡاْ كُلَّ ءَايَةٖ لَّا يُؤۡمِنُواْ بِهَاۖ حَتَّىٰٓ إِذَا جَآءُوكَ يُجَٰدِلُونَكَ يَقُولُ ٱلَّذِينَ كَفَرُوٓاْ إِنۡ هَٰذَآ إِلَّآ أَسَٰطِيرُ ٱلۡأَوَّلِينَ
और उन मुश्रिकों में से कुछ आपकी बात ध्यान से सुनते हैं और (वास्तव में) हमने उनके दिलों पर पर्दे (आवरण) डाल रखे हैं कि बात न समझें[1] और उनके कान भारी कर दिये हैं, यदि वे (सत्य के) प्रत्येक लक्षण देख लें, तब भी उसपर ईमान नहीं लायेंगे, यहाँ तक कि जब वे आपके पास आकर झगड़ते हैं, जो काफ़िर हैं, तो वे कहते हैं कि ये तो पूर्वजों की कथायें हैं।