وَقَالُواْ لَوۡلَآ أُنزِلَ عَلَيۡهِ مَلَكٞۖ وَلَوۡ أَنزَلۡنَا مَلَكٗا لَّقُضِيَ ٱلۡأَمۡرُ ثُمَّ لَا يُنظَرُونَ
तथा उन्होंने कहाः[1] इस (नबी) पर कोई फ़रिश्ता क्यों नहीं उतारा[2] गया? और यदि हम कोई फ़रिश्ता उतार देते, तो निर्णय ही कर दिया जाता, फिर उन्हें अवसर नहीं दिया जाता[3]।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari