أَوَلَمۡ يَرَوۡاْ إِلَى ٱلطَّيۡرِ فَوۡقَهُمۡ صَـٰٓفَّـٰتٖ وَيَقۡبِضۡنَۚ مَا يُمۡسِكُهُنَّ إِلَّا ٱلرَّحۡمَٰنُۚ إِنَّهُۥ بِكُلِّ شَيۡءِۭ بَصِيرٌ
क्या उन्होंने नहीं देखा पक्षियों की ओर अपने ऊपर पंख फैलाते तथा सिकोड़ते। उन को अत्यंत कृपाशील ही थामता है। निसंदेह वह प्रत्येक वस्तु को देख रहा है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari