فَذَرۡنِي وَمَن يُكَذِّبُ بِهَٰذَا ٱلۡحَدِيثِۖ سَنَسۡتَدۡرِجُهُم مِّنۡ حَيۡثُ لَا يَعۡلَمُونَ
अतः, आप छोड़ दें मुझे तथा उन्हें, जो झुठला रहे हैं इस बात (क़ुर्आन) को, हम उन्हें धीरे-धीरे खींच लायेंगे,[1] इस प्रकार कि उन्हें ज्ञान भी नहीं होगा।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari