إِنَّ هَـٰٓؤُلَآءِ مُتَبَّرٞ مَّا هُمۡ فِيهِ وَبَٰطِلٞ مَّا كَانُواْ يَعۡمَلُونَ
(अरे कमबख्तो) ये लोग जिस मज़हब पर हैं (वह यक़ीनी बरबाद होकर रहेगा) और जो अमल ये लोग कर रहे हैं (वह सब मिटिया मेट हो जाएगा)
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi